प्रेम सुता June 14, 2023 प्रेम सुता तुझे प्रेम की बावड़ी में जल सौहार्द का भरना बखूबी आता था जो भी आता था तेरे सानिध्य में, पी ये जल आकंठ तृप्त हो जाता था। Read more