विरहिणी May 26, 2020 विरहणी आत्मा मिल जाती है प्रीतम ईश्वर से,जब तन साथ छोड़ चला जाता है, मोहग्रस्त तो रोता है,पर प्रेमी नए मिलन का उत्सव बनाता है।। स्नेहप्रेमचंद Read more