हर वृद्धाश्रम पर लग जाये ताला, मिले हर माँ बाप को घर मे ही आदर सत्कार। दौलत की तराज़ू में न तोला जाए उनकी ममता और प्रेम को, वो करते है औलाद को तहेदिल से प्यार। उनके दीये की बाती को एक नियत समय पर बुझ जाना है। पर जब त क रहें वो इसजग में,उनके जीने की इच्छा को हमे नही बुझाना है।