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बिटिया

याद thought by snehpremchand

माटी बुला रही है देस की,   सता रही है  अम्मा बापू की याद।  छोटा सा गांव ही कितना प्यारा था   इस निष्ठुर नगर से,  सही तो है, अपनों से ही होते हैं   घर अपने आबाद।।             स्नेहप्रेमचंद