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दूरियां

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कुछ लम्हे

दूरियां

मौजूद thought by snehpremchand

इस कदर मुझ में मौजूद है तू, हर लम्हा तेरी महक से है सरोबार। मां से अधिक इस जग में होता ही नहीं किसी पर भी अख्तियार।।      Snehoremchand