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भगत सिंह के अमर विचार(( कोशिश स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

*उम्र छोटी पर कर्म बड़े* गहरी सोच और खास विचार *व्यक्ति मरता है, विचार नहीं जान गया सारा संसार* *भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान  लोगों में देश भगति भाव का पहनाया परिधान*  बहुत जोश भरे हैं उनके  कई प्रेरक नारे और प्रेरक विचार *इंकलाब जिंदाबाद* है सबसे लोकप्रिय नारा उनका, जाने ये सारा संसार* 116 वीं जयंती आज भगत सिंह की, मर कर भी अमर हैं उनके विचार 28 सितंबर 1907 को बंगा पंजाब में हुआ था उनका जन्म, हुई धन्य धरा और धन्य हुआ ये संसार 23 मार्च 1931 को लाहौर की सेंट्रल जेल में  सजा ए मौत मिली,  हुआ शहीद भारत माता के गले का हार # जिंदगी चलती है अपने ही दम पर दूसरे के कांधों पर तो जनाजे उठाए जाते हैं# ऐसे भगत सिंह के अमर विचार जिंदगी को ले कर, जन जन की रूह को भाते हैं# #प्रेमी पागल और कवि का एक ही चीज से होता है सृजन कितनी गहरी बात कह गए भगत सिंह, एक बार तो कर के देखो मनन# #एक क्रांतिकारी के दो अनिवार्य गुण आलोचना और स्वतंत्र विचार जैसे तप तप सोना बनता है कुंदन, ऐसा भगत सिंह की सोच का संसार# #मैं मानव हूं,मुझे मतलब है उससे जो मानवता को प्रभाव...

यही परिचय है मेरी मां जाई का(( दिल के उदगार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))