अजीब रिश्ता रहा मन का आंखों से(( विचार सुमन द्वारा)) February 19, 2024 अजीब रिश्ता रहा मन का आंखों से कभी आंखें ख़ाली थी और मन भरा था कभी आंख भर आई और मन ख़ाली हो गया मन की खिड़की थी आंखें जो कुछ भी छुपा था मन में वो सब आंखों ने दिखा दिया लब भले ही रहे मुस्कुराते पर सजल नयनों ने सब कुछ बयां किया Read more