*कह सकें हम जिनसे बात दिल की, वही मित्र हैं" *रिजेक्ट नहीं जो करेक्ट करने में विश्वाश रखते हैं, वही मित्र हैं* *खामोशी की जो समझ लें जुबान, वही मित्र हैं* *हमारी मुस्कान के पीछे छिपी उदासी जो देख लें,वही मित्र हैं* *जीवन की किसी भी चक्रव्यूह से जो हमे बाहर ले आएं,वही मित्र हैं* जीवन में जो रस घोल दे सत्य को जो मुख पर बोल दे अधरों पर जो ला दे मुस्कान सच में होते मित्र हमारी जान जो जीने का अंदाज सिखा दें सूने जीवन में संगीत का साज बजा दें,वही मित्र हैं *तपते मरूधर में जो बन जाएं हरियाली,वही मित्र हैं* *मावस को भी जो बना दें पूनम वही मित्र हैं* *हर धूप छांव में जो संग खड़े हों, वही मित्र हैं* *जिनके संग वक्त गुजरने का पता ही नहीं चलता,वही मित्र हैं* *जीवन के पतझड़ को जो बसंत बनाने का विश्वाश दिला दें,वही मित्र हैं* *जिजीविषा,ऊर्जा,उल्लास का जिनके संग होने लगता संचार हैं,वही मित्र हैं* *आहत मन पर जो बन जाते हैं राहत वही मित्र हैं* हर वो लम्हा बन जाता है होली दिवाली जब मित्र आपस में मिलते हैं ऐसा लगता है जैसे मरूधर में स्नेह सुमन खिलते हैं मित्र के इत्र से महकता है चरित्र मित्र ...