लोकतंत्र की मजबूत सी रीढ़ थे, निभाया बेहतरीन अपना हर किरदार। किस किस उपाधि से नवाजे इस मसीहा को, थे अथाह गुणों का अनंत भंडार।। 130वीं जयंती है आज इनकी, फर्श से अर्श तक के सफर का समझना होगा सार।। महान अर्थशास्त्री, राजनीतिक विचारक समाज सुधारक, स्वतंत्र भारत के प्रथम कानून मंत्री, भारतीय संविधान के प्रारूप कार।। लोकतंत्र की मजबूती रीढ़ थे, निभाया बेहतरीन अपना हर किरदार।। हर शब्द पड़ जाता है छोटा, जब करने लगो इन का बखान। कभी-कभी ही लेते हैं जन्म बाबा साहब से पुरोधा महान।। चैंपियन ऑफ सोशल जस्टिस, नारी शक्ति के लिए संवेदनशील और ज्ञान का अथाह भंडार। किस किस उपाधि से नवाजे इस मसीहा को, भारतीय संविधान के थे प्रारूप कार।। बाबा एक पर काम अनेक, एक व्यक्तित्व पर अनेक किरदार। जनकल्याण ही सोच था उनकी, जन-जन है उनका शुक्रगुजार।। लोकतंत्र की मजबूती रीढ़ थे, निभाया बेहतरीन अपना हर किरदार।। भारत रत्न,बौद्धित्सव,पीड़ित जनों के मसीहा और भारतीय संविधान के शिल्पकार । हम सब ऋणी हैं आपके कर्तव्य ...