जीना किस का नाम है?किसी का दर्द हो सके तो ले उधार,जीना इसी का नाम है,हम किसी के लबों पर मुस्कान लाने का कारण बने,जीना इसी का नाम है,शराब पीना,मासाहारी होना क्या जीना है?नही,ये तो किसी को जीने ही न देना है,किसी का मौलिक अधिकार छीन लेना है,किसी को जीवन दे नही सकते,तो लेने का तो हमारा हक ही नही,पीकर अपनी चेतना को खोना क्या जीना इसका नाम है,कतई नही,ये मौज़ मस्ती के क्या पैमाने बना लिए हमने,तनिक विचार कीजिएगा,क्योंकि सही सोच ही सत्कर्मो की धुरी है,सोच से कर्म, कर्म से परिणाम निर्धारित होते है