Thought on friendship by sneh premchand August 08, 2020 मित्रता में ना तो कुंडली मिलाई जाती ना ही मजहब देखा जाता ना कोई जाति,न उम्र, न ही हैसियत।।ऐसा होता तो शाम और सुदामा, राम और सुग्रीव मित्र नहीं होते।। स्नेह प्रेमचंद Read more