किसी भी समस्या के मूल में जब तक नहीं तुम जाओगे समाधान के उजले मोती कहो कैसे निकाल कर लाओगे जब तक ना करोगे बेटों को मर्यादित बेटी कैसे बचाओगे????? बिन संस्कार शिक्षा मात्र अक्षर ज्ञान है समझने में कितनी देर लगाओगे गलती और गुनाह में बहुत बड़ा अंतर है हो बेहतर गर भेद के इनको तुम जान पाओगे सोच,कर्म,परिणाम की त्रिवेणी बहती आई है युगों से,जान लोगे बखूबी गर किसी भी कालखंड में जाओगे सृष्टि की रचना करने वाली को कब सम्मान दे पाओगे कब तक सुलाए रखोगे राम को, कब तलक इस रावण को ही जगाओगे पुतले नहीं अब तो आया समय है जला दो रावण को,कब तक सोचे जाओगे लंका दहन,महाभारत का युद्ध हुआ नारी अस्मिता की रक्षा हेतु, तुम कब तक मोमबत्ती जलाओगे?????