मित्र कहीं नहीं जाते,एहसासों में ताउम्र एक खास जगह बनाए रहते हैं। ज़िन्दगी की खूबसूरत सी सरगम हैं मित्र, मैं नहीं,तूं नहीं,येे तो सब कहते हैं।। स्नेह प्रेमचंद
प्रेम,सहजता,भरोसा और विश्वास यही बनाती हैं जीवन को ख़ास इन सब से ओत प्रोत हो गर जीवनसाथी हर दिन उत्सव है बिन प्रयास किसी ख़ास दिन का मोहताज नही होता जश्न फिर पल पल जश्न का होता है आगाज़ माँ बाप और जीवनसाथी सजता है इनसे जीवन का साज रहे सदा सजा ये साज प्रीतम बस आती है दिल से यही आवाज़