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दिल पर दस्तक जेहन में बसेरा(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

हिन्दी काव्य शिरोमणि मानद उपाधि  प्रतियोगता हेतु कविता _ प्रतियोगिता का नाम_सबसे प्यारी मेरी हिंदी  ग्रुप संख्या _1 परिचय_ नाम_स्नेह प्रेमचन्द  स्थान _हिसार (हरियाणा) शीर्षक *_मेरी प्यारी हिंदी दिल पर दस्तक जेहन में बसेरा*  दिल पर  दस्तक,जेहन में बसेरा चित में जिसके पक्के निशान कोई और नहीं, है यह भाषा हिंदी हिंदी ही तो है राष्ट्र का गौरव गान भावों की अभिव्यक्ति सरल है हो गर निज भाषा का ज्ञान शब्द सरल हैं,भाव प्रबल हैं हिंदी तो है जन जन की जान  उच्चारण से आचरण तक नहीं हिंदी का कोई भी सानी सरल,सहज,सरस,बोधगम्य हिंदी भाषाओं की महारानी हृदय की भाषा है हिंदी हिंदी हर हिन्दुस्तानी का स्वाभिमान साहित्य का आदित्य है हिंदी हिंदी ही तो राष्ट्र का गौरव गान महादेवी,दिनकर,निराला,प्रसाद बच्चन,भारतेंदु,सुभद्रा कुमारी चौहान साहित्य के कोहिनूर ये सारे किस किस का स्नेह लेखनी करे गुणगान लंबा सफर तय किया हिंदी ने बनाई विश्व में अलग पहचान दिल पर दस्तक,जेहन में बसेरा चित पर इसके पक्के निशान भावों का विस्तार है हिंदी शब्दों का अनंत भंडार है हिंदी स्वर,व्यंजन,अलंकार है हिंदी सृजन का आधा