**संकल्प से सिद्धि तक छिपे होते हैं जाने कितने ही प्रयास** **कोई शॉर्टकट नहीं सफलता का, सही दिशा में मेहनत से ही बनते अति खास** **महाशक्ति** ने भी लोहा माना जिनका, हैं, वे भारतीय संविधान के शिल्पकार। हर संज्ञा,सर्वनाम,विशेषण पड जाता है छोटा, कर गए मानवता का उद्धार।। 14 अप्रैल जन्म जयंती बाबा साहेब की, विश्व शिक्षा दिवस के रूप में हुई स्वीकार।। ओ गरीबों के मसीहा! या कहूं जीवन समर के ओ पुरोधा! कर्म ही सच्चा परिचय पत्र होते हैं व्यक्ति का, वरना एक ही नाम के होते हैं हजार। व्यक्तित्व और कृतित्व दोनों के धनी आप, सदा दुआओं में रहोगे शुमार।। **वह शेरनी का दूध है शिक्षा, पीएगा जो दहाड़ेगा* जीवन लंबा होने की बजाए महान होगा जिसका, वही दिलों में झंडा गाड़ेगा।। यह कहना था बाबा साहेब का, व्यक्ति नहीं, थे वे एक विचार। महाशक्ति ने भी लोहा माना जिनका, वे,प्रगतिशील भारतीय संविधान के शिल्पकार।। मजदूर अधिकारों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के बाबा साहब थे पैरोकार। पढ़ पढ़ कर लिख लिया भाग्य अपना,अपने भाग्य के बने खुद सृजनकार।। *ना विद्या ...