प्रयास झोंपड़ी से महलों तक पहुंचे उत्पाद हमारे *संकल्प से सिद्धि तक यही प्रयास* न---भ सी छू ली हैं ऊंचाईयां, आता है धरा के भी रहना पास हर वर्ग है ग्राहक इसका, जैसी जरूरत वैसा ही उत्पाद अनेक विकल्प हैं बेहिसाब 30 करोड़ से अधिक पॉलिसी धारक हमारे, कितना बड़ा भरोसा,कितने अथक प्रयास बी---च भंवर में जब कोई चला जाता है, छोड़ कर,होती है निगम से फिर सच्ची आस तब आगे बढ़ कर आता है निगम आर्थिक संबल दे आत्म सम्मान का करवाता है आभास मा---हौल बनाया निगम ने ऐसा,जैसे कुसुम में होती है सुवास आप भी महको,हम भी महकें हों अनेक पॉलिसी सबके पास नि---यमो को नही रखा कभी ताक पर,हर वर्ग को जोड़ कर खुद से,सतत किया जिसने प्रयास ग---रिमा अपनी रखी बनाई,सबको जीवन मे राह दिखाई,दिनकर से तेज का इसमे वास म---जबूत हौंसला,बुलंद इरादे,जनकल्याण की भावना का न हुआ कभी ह्रास।। 67 बरस का हुआ निगम हमारा, अद्वितय वित्तीय संस्थान,हुआ सतत विकास नन्हा सा पौधा बना विशाल वृक्ष, जिसकी छाया तले सुखद अनुभूति का होता अहसास