कुछ दरगुजर,कुछ दरकिनार August 20, 2020 ना इकरार करते हैं न करते हैं इसरार। यूं तो रह जाएंगे, हम बीच मझधार।। जमींदोज हो जाएंगी ख्वाहिशें, दिल हो जाएगा जार जार।। हमने तो कब का, कुछ कर दिया दरगुजार, कुछ कर दिया दरकिनार।। स्नेह प्रेमचंद Read more