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नहीं सोच सकते

मासूम सा बचपन

बचपन सबसे खूबसूरत दौर है जीवन का, न कोई चित चिंता न ही कोई ज़िम्मेदारी। हर कली महफूज़ रहे,निर्भय हो, समझने की आ गई है बारी।।

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ज़िम्मेदारियां

महफूज़ Thought by Sneh premchand

महफूज़ रहे हर बचपन