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POEM ON ZAKIR HUSSAIN(( thought by Sneh प्रेमचन्द))

हुनर ने पूछा विनम्रता से विनम्रता ने पूछा परफेक्शन से परफेक्शन ने पूछा मुस्कान से मुस्कान ने पूछा लगन से लगन ने पूछा संगीत से संगीत ने पूछा जिज्ञासा से रहते हो कहां सारे के सारे एक ही और में बोले सब मिल कर और कहां??????? जाकिर हुसैन के द्वारे