दुनिया से जाने वाले जाने चले जाते हैं कहाँ, किस पगडंडी से किस राह को चुन लेते हैं वो,नही छोड़ते कोई निशाँ, माटी मिल जाती है माटी में,है ये जीवन की सच्चाई,जन्म से मौत का सफर ही तो है जीवन,छोटी सी बात बड़ों बड़ों को समझ न आयी,सब जानते समझते हुए भी मोह माया के बंधन पड़ जाते है भारी, वो अक्सर याद आ ही जाते हैं,थी जिन्होंने हमारी ज़िंदगी सँवारी