कोई ऐसा रंगरेज मिले जो तन ही नहीं रंग दे मन को भी, उसके सानिध्य में चित में स्नेह सुमन खिले कोई ऐसा रंगरेज मिले जो जिंदगी के कैनवास को रंग दे स्नेह के रंग से चित में निर्मलता की गंगा बहे कोई ऐसा रंगरेज मिले जो तन आह्लादित और मन प्रफुल्लित कर दे ऊर्जा उल्लास से, चित कोई गिरह ना रहे कोई ऐसा रंगरेज मिले तो हर अवसाद विषाद को हटा कर चित से, बस अनुराग का रंग भरे कोई ऐसा रंगरेज मिले जो कीचड़ में जलजात सा खिले,स्नेह की पिचकारी से उल्लास के रंग जिंदगी के हर पृष्ठ में भरे