बिन माँ की बच्ची ने पूछा,माँ कैसी होती है पापा,आज मुझे बतलाओ ना,कैसी होती है उसकी सूरत, शब्दों के आईने से दिखलाओ ना,सुन कर बच्ची का प्यारा प्रश्न,पिता ने कुछ ऐसा जवाब दिया,पता चल गया बच्ची को स्वरूप माँ का,हर शब्द को उसने अक्षरशः लिया।। सुन मेरी लाडो आज बताता हूं,कैसा होता है मां का स्वरूप। सौ बात की एक बात है, मां ठंडी सी छाया है, गर जमाना है घणी सी धूप।।