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Showing posts with the label तराना

मुसाफिर हूं यारों

ओ हमसफर

जिंदगी के सफर में ओ हमसफर यूं ही साथ निभाते जाना। खून का नहीं,है ये समर्पण और विश्वास का नाता,जिंदगी का सबसे खूबसूरत सा तराना।।

जिंदगी

बन गया फसाना

कुछ पाकर खोना है ( thought by Sneh premchand)

वो सत्यवान नाटे से

वो सत्यवान नाटे से तने तंग करया करेंगे सावित्री,याद आया फिर माँ का ये  पुराना सा गीत,कितनी तन्मयता से गाती थी माँ,वो हरयाणवी लहजा ही था उसका संगीत,वो गाती थी,हम सुनते थे,वो भी एक जमाना था,कितनी स्मृतियाँ बसी हैं माँ तेरी जहन में,तेरी हर बात सुन्दर तराना था

दूरियां

दूरियाँ इस कदर भी न बढ़ाओ  कि फिर पास जाना न हो। दो समांतर रेखाएं नहीं मिलती कभी, ऐसा तुम्हारा तराना न हो।।                  Snehpremchand