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मीरा राधा रुकमणी thought by snehpremchand

मीरा,राधा और रुक्मणी  तीनों कान्हा की प्रेम दीवानी। रुक्मणी ने तो अपनी मांग में कान्हा के नाम का सिंदूर सजाया। मीरा ने बचपन से ही माना पिया उन्हें अपना ,ज़हर का प्याला मुँह को लगाया। राधा तो हो गयी कृष्णमयी, अपने हर अहसास में कान्हा को बसाया। राधा ही तो है,वृन्दावन में कान्हा ने संग जिसके रास रचाया। आज भी लगता है नाम राधा का कान्हा से पहले, राधा कृष्ण से पूरा ब्रमांड गुंजित हो आया।।