*50 बरस का साथ है तेरा* *तूं जीवन का मधुर सवेरा* संवाद भले ही सुस्ता जाता हो, पर संबंध मां जाई! हो रहा घनेरा मतभेद बेशक हो जाता हो तुझ से, पर मनभेद का नहीं चित में अंधेरा। जो नहीं जचा वो कह दिया तुझे, *कुछ नहीं तेरा कुछ नहीं मेरा* बहुत छोटी है जिंदगी गिले शिकवों के लिए, स्नेह सुमन का हो चित में बसेरा।। कविता लिखने के लिए कविता बनना पड़ता है, कला संगीत साहित्य का हो है चित में डेरा।।।