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Showing posts with the label तूं याद आ जाती है

कोई भी खास दिन हो

आहत

जब कोई आहत करता हैं माँ, तब तेरी याद आ जाती है। तू तो बिन कहे ही जान लेती थी सब, तेरी कमी अक्सर मुझे रुलाती है। जब बैग उठा कर चलती हूँ और पीछे मुड़ कर देखती हूँ, तब सूरत नज़र तेरी आ जाती है। हर मंझर धुन्दला जाता है जब ज़िक्र तेरा माँ आता है।

जब भी ढलती है सांझ (Thought by Sneh premchand)

जब भी ढलती है सांझ घनेरी (Thought by Sneh premchand)