आहत September 20, 2021 जब कोई आहत करता हैं माँ, तब तेरी याद आ जाती है। तू तो बिन कहे ही जान लेती थी सब, तेरी कमी अक्सर मुझे रुलाती है। जब बैग उठा कर चलती हूँ और पीछे मुड़ कर देखती हूँ, तब सूरत नज़र तेरी आ जाती है। हर मंझर धुन्दला जाता है जब ज़िक्र तेरा माँ आता है। Read more