आंसू खुशियों में दीए सा जो, झिलमिल करता आया रे गम की आंधी को जिसने अपने साथ बहाया रे। हरदम हरपल जिसने सच्चा साथ निभाया रे आंसू नाम है जिसने पाया सदा छलकता आया रे। दिल से जोडकर गहरा नाता अंखियों के रस्ते आया रे तुझसा है ना कोई दूजा तू तो हमको भाया रे। आंसू तू है मीत हमारा तूने हमको जाना रे खुद से ही अनभिज्ञ रहे हम पर तूने सच पहचाना रे। करूणा का आधार हो तुम भावना का गुबार हो तुम नयनों की सुन्दरता और मानवता का द्वार हो तुम।