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दस्तक दिल पर(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

**अति सरल, सहज,सीधा मधुर है  हिंदी का विज्ञान** दस्तक दिल पर,धड़कन में बसेरा, जेहन मे इसके पक्के निशान।। *हिंदी कविता की गहरी सरिता* हिंदी मनोभावों का सुंदर परिधान। सरलता की सरसता से सगाई है हिंदी, बोधगम्य, सरस हिंदी,अति भाव प्रधान।। अति सरल,सहज,सीधा,मधुर है हिंदी का विज्ञान।। *हिंदी भाषी ही जब हिंदी का करते हैं अपमान* कोई और क्यों देगा फिर महता इसको?? है, आर्यवर्त का, हिंदी अभिमान। और परिचय क्या दूं हिंदी का??? हिंदी ही राष्ट्र का गौरवगान।। जो मुख मोड़ रहे हैं हिंदी से, करना उन्हें सन्मति प्रदान। हिंदी का परिष्कृत और प्रांजल रूप आए सबके सामने, सच में भाषा बड़ी महान।। अति सरल सहज सीधा मधुर है  हिंदी का विज्ञान।। *दस्तक दिल पर,धड़कन में बसेरा, जेहन मे इसके पक्के निशान* साहित्य का आदित्य है तूं, आर्यावर्त है हिंदीअभिमान। और परिचय क्या दूं तेरा, तूं ही राष्ट्र का गौरवगांन।। एकता सूत्र में बांधे है तूं, जनकल्याण का करे आह्वान। *भारत भाल की बिंदी हिंदी* सागर सी गहरी भाव प्रधान।। तेरे अस्तित्व से तो हिंदी चमक रहा है हिंदुस्तान। दस्तक दिल पर,दिमाग में बसेरा, जेहन मे इसके पक्के निशान।...