ईश्वर के पसंदीदा और चुनिंदा लोग ही होते हैं कलाकार। ईश्वर उन्हें नवाजता है किसी न किसी खास कला से, कोई लेखक,कोई गायक, कोई संगीतज्ञ कोई चित्रकार।। कल्पनाओं को बखूबी जो दे देता है आकार। धन्य है कला और धन्य है कलाकार।। इस फेरहिस्त में नाम अग्रणीय है हरीश जी आपका, वाह रे शिल्पकार! वाह रे शिल्पकार।। आज जन्मदिन पर कर लेना हमारी दुआएं स्वीकार। ईश्वर नवाजे आपको खुशियों से और अच्छे स्वास्थ्य से सदा, हो आपको सफलता के सदा दीदार।। यूं हीं बनी रहे आपकी सृजन क्षमता, यूं हीं करते रहो चमत्कार। बहुत ही सच्चे होते हैं ईश्वर के बनाए ये कलाकार।। इनकी प्रतिभा को सदा मिले प्रोत्साहन, बहुत सुंदर और शिक्षाप्रद होता है कला का विहंगम संसार।। स्नेह प्रेमचंद