कड़वी वाणी thought by snehpremchand April 22, 2020 किसी की कड़वी वाणी कटार से भी होती है धारदार, कटाक्ष,व्यंग,पुत्र हैं ईर्ष्या के,कर जाते है मन को तार तार, बोलना ही है तो मीठा बोलो,कहीं शब्द खामोशी से न जाएं हार।। अक्सर अल्फ़ाज़ घायल कर देते हैं इतना,जितना कर नहीं पाते हथियार।। स्नेहप्रेमचंद Read more