सपने बुनते बुनते February 11, 2023 सपने बुनते बुनते कब लम्हे उधड़ते गए,हो ही नहीं पाया अहसास दौर बदलते गए जीवन में, धूप छांव सी जिंदगी में कभी हलचल कभी सुखद आभास बच्चों ने भेजा केक जब बड़े प्रेम से मेरी आंखों में आ गया हौले से पानी।। Read more