Skip to main content

Posts

Showing posts with the label नहीं बना

प्रेम पैमाना

मुझे ये तो नहीं पता प्रेम मापने की क्या होती है गहराई पर इतना जरूर पता है मुझे जिससे प्रेम हो सच्चा,जब वो हो सामने,कोई और तो देता ही नहीं दिखाई तेरे संदर्भ में यह बात सौ फीसदी उभर कर सामने आई तेरे अभाव का प्रभाव बता गया तूं खास नहीं अति अति खास थी मां जाई सबके ही दिलों में ऐसे करती थी बसेरा,जैसे तन संग होती है परछाई हर सांझ है बांझ तुझ बिन, हर मोड़ पर तूं याद आई शब्दों से नहीं भावों से दोस्ती है मेरी,वरना बता देती दिनकर सी दमकती थी मेरी मां जाई 11 स्वर और 33 व्यंजन भी नहीं सक्षम जो तुझे कर सकें परिभाषित,यकीनन हर भाव के लिए शब्दों की उत्पति किसी भी ज्ञानी ने नहीं बनाई