मौसम आएंगे जाएंगे,पर माँ हम तुझ को भुला नही पाएंगे,सरगम का संगीत थी तू,सबसे प्यारी रीत थी तू,मिठाई की थी माँ तू मिठास,सब्ज़ी का नमक थी, थी जीने की एक ज़रूरी सी आस,एक तेरे न होने से माँ सूना लगता है संसार,तेरे होने का अहसास ही बहुत था,माँ होती है सच में जीवन का सार।।