गुजरात के द्वारका में * नागेश्वर ज्योतिर्लिंग* है विराजमान शिव ने पशुप्तास्त्र से *दारूका राक्षस*का वध कर भत्तों की की थी रक्षा,और खुद ज्योतिर्लिंग में स्थापित हो गए थे भगवान।। द्वारकाधीश कृष्ण भी शिव का रुद्राभिषेक किया करते थे जब कुछ नहीं था तब शिव थे, शिव सदा से ही कष्ट लोगों के हरते थे चांदी के नाग नागिन भगत गण चढ़ाते हैं यहां, अपनी कामना को पूर्ण कर पाते हैं। यही मान्यता है युगों से यहां शिव पूजन से मन और तन विष मुक्त हो जाते हैं।।