प्रेम न जाने thought by snehpremchand May 07, 2020 प्रेम नहीं जानता मज़हब कोई, न ही जानता सरहद कोई, प्रेम तो होता है पाकीज़ा, प्रेम से बढ़ कर नहीं नेहमत कोई।। Snehpremchand Read more