Skip to main content

Posts

Showing posts with the label नज़र

माँ जाई। thought by snehpremchand

भावनाओं की कलम सर, अल्फ़ाज़ों की स्याही से, अभिव्यक्ति की किताब पर, जब कुछ लिखने बैठी, तूँ ही तूँ नज़र आई, कोई और नही तूँ, है री मेरी माँ जाई ।।         स्नेहप्रेमचंद