शाख thought by snehpremchand June 01, 2020 हर पत्ता अलग होना चाहता है शाख से,ये कैसी अजब सी बेला आई?? अपने ही जब नहीं लगते हैं अपने, फिर भीड़ में भी लगती तनहाई।। Read more