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मेरी नजर में आजादी के मायने((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

आजादी के मायने,मुझे तो मेरी नजर में,यही नजर आते हैं। अपने भीतर छिपी असीमित संभावनाओं को जब खोज पाते हैं। उन्हें खोज उसी दिशा में जब सकारात्मक से प्रयास कर पाते हैं।। आत्म निरीक्षण,आत्म मंथन, आत्मबोध और आत्मसुधार को सिलसिलेवार अपनाते हैं।।  बहे गंगा ज्ञान की,स्वतंत्र हो विचारधारा,सच्चे हों प्रयास, उपलब्ध हों संसाधन, फिर सफलता के परचम खुद ब खुद लहराते हैं।। आजादी के मायने मनमानी नहीं हैं, आजादी के मायने हैं कोई अनुचित दबाव न होना,कोई मानसिक गुलामी न होना,परिवर्तन को खुले दिल से अपनाना,मूलभूत जरूरतों से वंचित न होना, कर्म को ही धर्म मानना। हर मोड़ पर कुछ नया सीखने को तत्पर रहना,जिज्ञासु बने रहना,जिजीविषा का दामन थामे रहना,विकारों की बेड़ियों से आजाद होना ही सही मायनो में आजादी है।।काम,क्रोध,लोभ,आलस्य पर विजय पाना ही आजादी है।। स्वार्थ से परमार्थ की राह पर चलना ही आजादी है।। हर बचपन हो महफूज,  हर बचपन को मिले शिक्षा का अधिकार। बाल मजदूरी हो जाए निषेध, रोटी कपड़ा और मकान के,  सबको सर्वत्र हों दीदार।। जरूरतों पर शौक कभी न हों हावी, मुझे तो आजादी के यही मतलब नजर आते ...