करबद्ध हम कर रहे परमपिता से यही अरदास,मिले शांति माँ की पावन आत्मा को,है प्रार्थना ही हमारा प्रयास,आज माँ का महीना है,यूँ ही साल गुजरते जाएंगे,पर जीवन के हर मोड़ पर माँ तुझ को संग हम पाएंगे,बिन कहे ही सब कुछ कह गयी जो,माँ तू वो लम्बी कहानी है,तेरे कर्म बने तेरा परिचय,तेरी सीरत माँ कितनी सुहानी है,माँ ही होती है जग में, जिसके आँचल में दूध और आँखों में पानी है,प्रेरणास्त्रोत रहेगा माँ तेरा जीवन,तूने सच में कुछ कर के हमे सिखाया है,नही अंतर तेरी कथनी और करनी में,माँ तेरे अक्स में प्रभु का रूप उभर कर आया है,हमारी गलतियों को क्षमा कर देना माँ तू,होता है हम को आभास,तू जहां रहे, तू शांत रहे,है प्रार्थना ही हमारा प्रयास