प्रश्न हैं हम,तो जवाब है माँ,प्यास हैं हम तो तृप्ति है माँ,समस्या हैं हम,तो समाधान है माँ,विधि का सबसे सुंदर विधान है माँ,संकोच हैं हम तो सहजता है माँ,धूप हैं हम तो ठंडी छाँव है माँ,पलायन हैं हम तो ज़िम्मेदारी है माँ,माँ खुदा का भेजा हुआ ऐसा फरिश्ता है जो सब को सहजता से मिल तो जाता है,पर सबको उस फ़रिश्ते की कद्र उसके इस जहां से रुक्सत होने के बाद पता चलती है