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Showing posts with the label प्रेम और समर्पण

दोनों सगे भाई(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

मैने पूछा प्रेम से रहते हो कहां??? प्रेम ने हौले से कहा मुस्कुरा कर और कहां समर्पण रहता है जहां