प्रेम से सुंदर नहीं कोई अहसास प्रेम आम से बन देता है अति खास प्रेम पारस है जो पत्थर को भी सोना बना देता है प्रेम आनंद नहीं परमानंद है प्रेम दोस्ती है प्रेम सहजता है प्रेम मान सम्मान है प्रेम समर्पण है प्रेम हावी नहीं होता स्पेस देता है प्रेम शब्दों का मोहताज नहीं प्रेम के सात सुर हैं करुणा,सम्मान,सहजता,समर्पण, विश्वाश,विनम्रता और गहराई