Skip to main content

Posts

Showing posts with the label फर्श से अर्श तक का सफर

कोई तुझ से सीखे

*कोई सीखे तुझ से* फर्श से अर्श तक का सफर करना सीखे कोई तुझ से महान उपलब्धियों के बाद भी अति विनम्र रहना सीखे कोई तुझ से शहद सा मीठा और संयमित बोलना सीखे कोई तुझ से खुद मझधार में हो कर भी साहिल का पता बताना सीखे कोई तुझ से हर नाते को बेहतरीन ढंग से निभाना कोई सीखे तुझ से मित्रता के मायने जानने हों तो कोई सीखे तुझ से दिलो दिमाग में रहना कोई सीखे तुझसे  ज्ञान की गंगा बहाना कोई सीखे तुझ से संवाद कायम रख संबंध ना मुरझाने देना कोई सीखे तुझ से स्नेह,करुणा,दान करना कोई सीखे तुझ से भगति में होती है शक्ति कोई सीखे तुझ से प्रेम क्या होता है कैसे निभाया जाता है कोई सीखे तुझ से संवाद और संबोधन दोनों को ही कैसे रखें मधुर कोई सीखे तुझ से उम्र छोटी पर कर्म बड़े कोई सीखे तुझ से लक्ष्य प्राप्ति में किसी भी बाधा को बाधक ना बन ने देना कोई सीखे तुझ से संकल्प को सिद्धि से मिलाना कोई सीखे तुझ से परिवेश और परिस्थिति कैसी भी हो,पर कभी आलस ना कर आगे बढ़ते जाना कोई सीखे तुझ से किसी भी अंजुमन की रौनक बनाना कोई सीखे तुझ से