भाव या शब्द thought by snehpremchand March 28, 2020 मैंने भाव लिखे,तुमने शब्द पढ़े, फांसले यूँ ही बढ़ते गए, काश नयनो की भाषा आती पढनी तुम्हे, पर तुमने तो देखा ही नहीं, अश्क यूँ ही बहते गए।। स्नेहप्रेमचंद Read more