अपने। thought by sneh premchand May 03, 2020 प्रेम की कूची से मन के कैनवास पर हम स्वेच्छा से जिनके चित्र बनाते हैं। मेरी फेरहिस्त में तो वे ही अपने कहलाते हैं।। Snehpremchand Read more