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सच्ची दौलत

फेरहिस्त thought by snehpremchand

अपने। thought by sneh premchand

प्रेम की कूची से मन के कैनवास पर हम स्वेच्छा से जिनके चित्र बनाते हैं। मेरी फेरहिस्त में तो वे ही अपने कहलाते हैं।।               Snehpremchand