दूरियां thought by sneh प्रेमचन्द September 03, 2020 दूरियाँ इस कदर न बढ़ाओ कि फिर आना न हो सके पास, टूटी उम्मीदें वहीं से हमारी, जिन्हें समझते थे हम अति खास।। Read more