तेरी यादों का सैलाब February 20, 2024 तेरी यादों का सैलाब बाज औकात ऐसे आता है जैसे लहरों का रेला सागर से साहिल पर जाने क्या क्या ले आता है आ कर ऐसे ठहर जाता है जैसे रुंधे गले में कोई शब्द अटक जाता है Read more