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कोई बात नहीं

कोई बात नहीं(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कोई बात नहीं

मौसम बदला, कोई बात नही। दिन हुआ फिर रात हुई,कोई बात नहीं। काया बदली, माया बदली कोई बात नहीं। पर जब अचानक ही व्यवहार बदला, तो बहुत कुछ हुआ।

दुआ(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

कोई बात नहीं

कोई बात नहीं

कोई बात नहीं

कोई बात नहीं

कोई विशेष बड़ी बात नहीं

कोई बात नहीं

कोई बात नहीं

कोई बात नही

कोई बात नहीं

कोई बात नहीं

कोई बात नहीं