इतना अधिक कोई कैसे कर सकता है??? *एक बाबा अनेक किरदार* विलक्षण प्रतिभा,बुलंद हौंसला, *ज्ञान का अनंत अथाह भंडार* *सिंबल ऑफ नॉलेज*भारत रत्न* *पीड़ित जनो के मसीहा* किस किस उपाधि से नवाजूं उनको?? *भारतीय संविधान के शिल्पकार* इतना अधिक कोई कैसे कर सकता है मेरी समझ से तो है ये पार।। शब्द स्तब्ध हैं भाव मौन हैं 11 स्वर और 33 व्यंजन भी नहीं बन पाते आधार।। अदभुत, अविश्वसनीय,अकल्पनीय, *बाबा एक अनेक किरदार* *संकल्प से सिद्धि तक छिपे होते हैं जाने कितने ही प्रयास* कोई शॉर्टकट नहीं होता सफलता का, *सही दिशा में मेहनत करने से ही बनते हैं अति खास* अति खास भी शब्द छोटा है उनके लिए,पूरा वतन ही उनके लिए था परिवार अदभुत,अकल्पनीय,अविश्वसनीय*बाबा एक अनेक किरदार* *जाति,मजहब, रंग, प्रांत, देश, विश्व* सबसे उपर है मानवता का नाता* *यही सिखाया था बाबा साहेब ने* पर ये हमे समझ में क्यों नहीं आता?? महाशक्ति ने भी लोहा माना जिनका, हैं वे *भारतीय संविधान के शिल्पकार* *हर संज्ञा सर्वनाम विशेषण पड़ जाता है छोटा* * कर गए मानवता का ऐसा उद्धार *अपने भाग्य की बजाय अपनी मजबूती पर हो व...