Skip to main content

Posts

Showing posts with the label बारंबार

शत शत नमन और श्रद्धांजलि आपको

शत शत नमन और वंदन मां को(thought by Sneh Savitri premchand)

धरा पर आने से नौ महीने पहले ही अपने अस्तित्व में हमारे वजूद को सहेजने वाली मां को शत शत नमन और वंदन बारंबार। महिला दिवस हो और मां याद न आए, ये तो संभव ही नहीं,एक व्यक्तित्व, पर निभाए कितने ही किरदार।। मां रूप में सर्वश्रेष्ठ होती है नारी, है यह सत्य और निर्विवाद कथन। ध्यान से सोचो, कितनी ही गहराई में जाओ, कर लो चाहे लाख मनन।। सार्वभौमिक, सर्व कालिक सत्य है ये, जननी को शत शत नमन,शत शत नमन।। सुना था वक्त भुला देता है सब कुछ, पर मां तो आज भी इतनी जिंदा है जेहन में,लगता ही नहीं,किया हो परलोक गमन।। कोई भोर कोई सांझ नहीं ऐसी, यादें जिसमे मां की न हों शुमार। मां के बिन तो अधूरा सा लगता है जैसे परिवार।। मां को शत शत नमन और वंदन बारंबार।। हमारे आचार,विचार, व्यवहार और कार्य शैली में मां घुली है ऐसे  जैसे दीप में हो ज्योति। मां है जीवन का सबसे अनमोल खजाना, जैसे सीप मुख में हो मोती।। कोई चोर नहीं चुरा सकता इस अनमोल खजाने को, इसकी चोर चाभी का आज तलक हुआ ही नहीं आविष्कार। कितनी ही तरक्की कर ले विज्ञान हमारा, मां की बन सके कॉपी दूसरी,सोचना भी है बेकार।। मां का नाम लेन...

नमन नमन हे नारी शक्ति

नमन नमन हे नारीशक्ति, नमन नमन तुझे बारम्बार। करुणा,विवेक,सौंदर्य की त्रिवेणी, मानवता का अद्वितीय श्रृंगार।। सृजन की मूरत,ममता की सूरत, प्रेम ही जीवन का आधार। तमस में आलोक हो,पुष्प में पराग हो, हो शिक्षा तुम, हो तुम्ही संस्कार।। उत्सव भी तुम हो,उल्लास भी तुम हो,हो तुम्ही नारी सारे रीति रिवाज। तुमसे ही बजता है सृष्टि के हर कोने में, जिजीविषा का सुंदर साज़।। मरियम,सीता,अनुसूया तूँ,तूँ ही राधा,मीरा ,पांचाली। बहन,बेटी,पत्नी,माँ हर किरदार में उत्तम चलाई कुदाली।। घर को मंदिर बनाने वाली, खुद गीले में रह कर बच्चों को  सूखे में सुलाने वाली, हुआ नतमस्तक पूरा संसार। नमन नमन हे नारीशक्ति, नमन नमन तुझे बारम्बार।। सर्वत्र पांव पसारे तूने, हर क्षेत्र को कर दिया आबाद। सीमित उपलब्ध संसाधनों में भी तूने,कर्म का सदा बजाया शंखनाद।। सबको लेकर साथ चली तुम, निभाया सर्वोत्तम हर किरदार। संयम,संतोष,कर्मठता की त्रिवेणी, मानवता का अद्भुत श्रृंगार।। बेटी कभी नही होती पराई, ये भी सार्थक करके दिखाया। ताउम्र मात पिता को तूने,  अपने हिवड़े में प्रेम से बिठाया।। तेरी प्रतिबद्धता, तेरे प्रयासों के आगे ...